भूमि शयन का विचार
सुप्त भूमि अर्थात भूमि का चयन करना अगर आप गृह निर्माण कृषि तालाब या यज्ञ प्रारंभ करना चाहते हैं तो भूमि शयन का विचार अवश्य करें क्योंकि निम्न तिथियों में भूमि सुप्त अवस्था अथवा निद्रा में होती है इस दौरान किए हुए कार्य शुभ फल नहीं देते हैं इसलिए भूमि सेंड विचार निम्न तरीकों से करें प्रत्येक सूर्य संक्रान्ति से ५, ७, ९, १५, २१, एवं २४वें प्रविष्टे को पृथ्वी सोई रहती है, अतएव सुप्त भूमि के दिवसों में यथासम्भव कृषि, होम, गृह निर्माण, वापी, कुआं, तालाब के लिए भूमि का खनन न करें।
एक अन्य मतानुसार, सूर्य-नक्षत्र से ५, ७, ९, १२, १९, तथा २६ वे नक्षत्रों में भी भूमि का शयन होता है।
भू-रजस्वला-सूर्य संक्रान्ति के दिन से १, ५, १०, ११, १६, १८, १९ वें दिन भूमि रजस्वला रहती है। अत: इन दिनों भी यज्ञ, हवन, कृषि, तालाब, गृह निर्माणारम्भ आदि कार्यों का आरम्भ न करें।