Chandra Pooja

चन्द्रमा शान्ति पूजा विधि एवं सरल उपाय

जन्मकुंडली में जब चन्द्रमा शत्रु एवं क्रूर ग्रह से युत,दृष्ट या नीच राशि विर्सचक अथवा 4, 6, 8, 9 वे भावो में स्थित चन्द्रमा अशुभ माना जाता है। चंद्रमा जब अशुभ होता है तो मानसिक विकार,नेत्र विकार,स्त्री कष्ट ,माता बीमार रहै,धन हानि, रक्त दोष, शरीर का मोटा होना आदि कस्ट होने की सम्भावना रहती है।

चन्द्रमा की पूजा विधि

चंद्रमा के अशुभता की शांति के लिये निम्नलिखित मंत्रो में से किसी एक मंत्र का 11000, 44 हज़ार या सवा लाख की संख्या में अनुष्ठान करना चाहिये,पूजा पूजा प्रारम्भ करने से पहले स्वेत पुष्प, मिस्ठान, अक्षत एवं गंगाजल ले कर अनूष्ठान का संकलल्प, ध्यान व आवाहनादि करे। जप करने के लिए चन्दन की माला सर्वोत्तम होता है अगर चन्दन की माला न मिले तो रुद्राक्ष या तुलसी के माला से भी जप किआ जा सकता है। शास्त्रा अनुसार चंद्र पूजा करने से मानसिक शांति, नेत्र विकार में लाभ, धन लाभ, सरदर्द से राहत, आत्मविस्वास, माँ के स्वास्थ में लाभ और आरोग्य की प्राप्ति होती है। प्रत्यक पूर्णमासी को पाठोपरान्त चंद्र देव को चांदी या पित्तल के लोटे में शुद्ध जल, स्वेत चंदन, स्वेत पुष्प आदि डालकर अर्ध्य देना अति शुभ और फलदायी होता है। ये सभी मनुष्य को प्रत्यक पूर्णिमा को जरूर करना चाहिये। इसके बाद चंद्र गायत्री मंत्र का पाठ करै।सुनुश्चित संख्या में जप पूर्ण होने के बाद उस मन्त्र का दशमांश संख्या में हवन करे तर्पन और मार्जन भी जरूर कर लेना चाहिये।

चंद्रमा के अशुभता दूर करने के लिये अनुष्ठान के अलावा चांदी की अंगूठी में चंद्रकान्ता मणि या सुच्चा मोती धारण करे, नियमानुसार सोमवार एवं पूर्णमाशी का व्रत करे, चांदी का सिक्का या चन्द्र यंत्र गले में धारण करे, स्वेत शंख को घर में रखे तथा शिवलिंग की पूजा करना कल्याणकारी होता है।

चंद्र ओषधि स्नान

पञ्चगव्य(गौ का गोबर, मूत्र, दूध, दही, घी) गज़मद, शंख सीप, गंगाजल, स्वेत चन्दन, स्फटिक को जल में डालकर स्नान करें जरूर लाभ होगा।

चन्द्र दोष की शांति दान द्वारा

चावल, स्वेत चन्दन, शंख, कपूर, दूध, दही, घी, चांदी का पात्र, मिश्री, खीर, सफ़ेद वस्त्र, दक्षिणा सहित पंडित को भोजन करा कर दान करे तथा हो सके तो हवन भी कर ले अवश्य लाभ होगा।

चंद्र दोष शांति के सरल उपाय

  1. चांदी के बर्तनों का अधिक से अधिक प्रयोग करना तथा जिस पलंग पर आप सोते है उसके पायो में चांदी की कील ठुकवाए।
  2. जल में कच्चा दूध मिलाकर पीपल पर चढाए रविवार छोड़कर।
  3. संकल्प लेकर16 सोमवार का व्रत करे।
  4. शिशे के गिलास या बर्तनों का प्रयोग न करे।
  5. मोती की माला गले मे पहने या चांदी का कड़ा सीधे हाथ में पहने।
  6. सोमवार को सफ़ेद वस्तु का दान करे।
  7. सोमवार को कन्याओ को खीर खिलाए।