Surya Pooja

सूर्य पूजा शांति एवं उपाय

सूर्य जब जन्मकुंडली में क्रूर ग्रह से युक्त हो दृष्ट अथवा नीच राशि तुला में हो या 1, 2, 4, 5, 7, 8, 9 या 12वे स्थान में हो तो सूर्य अशुभ फल देता है । जन्मकुंडली अगर सूर्य का इन सब में से सम्बन्ध हो या सूर्य अशुभ फल दे रहा हो तो सूर्य ग्रह की शान्ति पूजा अवश्य किसी सुयोग्य पंडित के दूआरा करवा लेना चाहिये ।

सूर्य पूजा विधि

सूर्य ग्रह की शांति के लिये निम्नलिखित एक मन्त्र का जन्मकुंडली में भाव के अनुसार 7, 28 हज़ार या सवा लाख की संख्या में अनुष्ठान करवाना चाहिये । पूजा प्रारम्भ करने से पहले लाल पुष्प, मिस्ठान, अक्षत एवं गंगाजल ले कर अनूष्ठान का संकलल्प, ध्यान व आवाहनादि करे। जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला सर्वोत्तम होता है अगर रुद्राक्ष की माला न मिले तो चन्दन या तुलसी के माला से भी जप किआ जा सकता है । शास्त्रा अनुसार सूर्य पूजा करने से पदौन्नति, राजप्रतिस्था, हड्डी के दर्द में राहत, सरदर्द से राहत, आत्मविस्वास, तेज़,बल और आरोग्य की प्राप्ति होती है। प्रतिदिन पाठोपरान्त सूर्य देव को ताम्र के लोटे में शुद्ध जल, रक्त चंदन, आक का पुष्प आदि डालकर अर्ध्य देना अति शुभ और फलदायी होता है ये तो वैसे भी सभी मनुष्य को प्रतिदिन जरूर करना चाहिये । इसके बाद गायत्री मंत्र का पाठ करै ।सुनुश्चित संख्या में जप पूर्ण होने के बाद उस मन्त्र का दशमांश संख्या में हवन करे तर्पन और मार्जन भी जरूर कर लेना चाहिये।

सूर्य ओषधि स्नान

केशर, देवदारु, मन:शिला, खस, छोटी इलायची, आक पुष्प या लाल कनेर पुष्प को गंगाजल में मिलाकर स्नान करे और यंत्र धारण करने से सूर्य दोष से शांति मिलती है।

सूर्य ग्रह की शांति दान द्वारा

गेहूं, लाल वस्त्र, गुड़, घी, सुवर्ण, ताम्र पात्र, माणिक, मिस्ठान, नारियल सहित दक्षिणा ब्राह्मण को भोजन करा कर दान करे तथा हवन करें निश्चित लाभ होगा।

सूर्य दोष के अन्य उपाय

  1. रविवार की नमक ना खाएं, नमक रहित सादा भोजन करे।
  2. माणिक्य धारण करे या सूर्य यंत्र धारण करे दोनों में ही पूजा अवश्य कर ले।
  3. पिता की सेवा करना तथा अपने से बरे का सम्मान करना।
  4. कार्तिक माज़ में कार्तिक महात्म का पुरे मास पाठ करना तथा नित्य तुलसी की सेवा करना।
  5. सूर्य को नित्य अर्ध्य देना कम से कम 5 वर्ष तक निश्चित ही इन उपाय से आपको जरूर लाभ होगा।