वास्तु दोष के सरल उपाय
अगर आपको अपने मकान,दुकान, फैक्ट्री आदि स्थल वास्तु के नियमों के विरुद्ध है जिससे आपके घर में धन हानि, वाद विवाद अथवा कोई अन्य परेशानी हो रही हो तो आप वास्तु के निम्नलिखित उपाय करें जिससे निश्चय ही आपको लाभ प्राप्त होगा
- जब भी पानी पीएं अपना मुख उत्तर-पूर्व की ओर रखें।
- जब भी भोजन ग्रहण करें थाली दक्षिण-पूर्व की ओर रखें और पूर्वाभिमुख होकर भोजन करें।
- जब भी सोएं दक्षिण-पश्चिम कोण में दक्षिण की ओर सिरहाना करके सोने से नींद गहरी और अच्छी आती है।
- जब भी पूजा करें तो मुख उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम की ओर करके बैठे।
- सम्यक उन्नति हेतु लक्ष्मी, गणेश, कुबेर, स्वास्तिक, ॐ, मीन, एवं आदि मांगलिक चिह्न मुख्यद्वार के ऊपर स्थापित करें।
- यदि घर में कोई पूजा-स्थल नहीं है तो उस उत्तर-पूर्व (ईशान) कोण में रखें।
- दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोण में कुआं या ट्यूबवैल है तो उसे भरवाकर उत्तर- पूर्व कोण में ट्यूबवैल या कुआं खुदवाएं। अन्य दिशा में कुएं को भरवा न सकें तो उसे प्रयोग में लाना बन्द कर दे अथवा उत्तर-पूर्व में एक ओर ट्यूबवैल या कुआं लगवाएं जिससे वास्तु का सन्तुलन हो सके।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में अधिक दरवाजे और खिड़कियां हों तो उन्हें बन्द करके उनकी संख्या कम कर दें।
- रसोईघर गलत स्थान पर हो तो अग्निकोण में एक बल्ब लगा दें और सुबह-शाम उसे अनिवार्य रूप में जलायें।
- बीम के दोष को शान्त करने के लिए बीम को सीलिंग टॉयल्स से ढंक देवें। बीम के दोनों और बांस की बांसुरी लगायें।
- दुकान की शुभता बढ़ाने के लिए प्रवेश द्वार के दोनों ओर गणपति को पूर्ति या स्टिकर लगायें। एक गणपति की दृष्टि दुकान पर पड़ेगी, दूसरे गणपति को बाहर की ओर।
- द्वार दोष और वेध दोष को दूर करने के लिए शंख, सीप, समुद्र झाग, कौड़ी, ताम्बे या सोने की तुश लाल कपड़े में या मोली में दरवाजे पर लटकायें।
- यदि दुकान में चोरी होती हो या अग्नि लगती हो तो भौम यन्त्र की स्थापना करें। यह यन्त्र पूर्वोत्तर के कोण या पूर्व दिशा में, फर्श के नीचे दो फोट गहरा गड्डा खोदकर स्थापित किया जाता है।
- घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए मुख्य द्वार पर एक ओर केले का वृक्ष, दूसरी ओर तुलसी का पौधा गमले में लगायें।
- यदि प्लाट खरीदे हुए बहुत समय हो गया हो और मकान बनने का योग न आ रहा हो तो उस प्लाट में अनार का पौधा पुष्य नक्षत्र में लगायें।
- घर के दरवाजे पर घुड़नाल (लोहे की) लगायें। यह अपने आप गिरि होनी चाहिए।
- अगर आपका घर चारों और बड़े मकानों से घिरा हो तो उनके बीच बांस का लम्बा फ्लेग लगायें या कोई बहुत ऊंचा बढ़ने वाला पेड़ लगायें।
- फैक्ट्री-कारखाने के उद्घाटन के समय चांदी का सर्प पूर्व दिशा में जमीन में स्थापित करें।
- घर में अखण्ड रूप से श्री रामचरितमानसके नौ पाठ करने से वास्तुजनित दोष दूर हो जाता है।
- घर में नौ दिन तक अखण्ड भगवत-कीर्तन करने से वास्तुजनित दोष का निवारण हो जाता है।
- मुख्य द्वार के ऊपर सिन्दूर से स्वस्तिक का चिह्न बनायें। यह चिह्न नौ अंगुल लम्बा तथा नौ अंगुल चौड़ा होना चाहिए। घर में जहाँ-जहाँ वास्तु दोष हो, वहाँ-वहाँ यह चिह्न बनाया जा सकता है।
Note: अगर आप इन वास्तु के नियमों का पालन करते हैं तो निश्चित ही आपको सुख समृद्धि मान सम्मान आदि में वृद्धि प्राप्त होगी।