Pradosh Vrat

प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रतम्

प्रदोष व्रत बाबा भोले नाथ की प्रसन्नता और प्रभुत्व की प्राप्ति के लिए किया जाता है। वैसे तो सभी प्रदोष व्रत अत्यन्त कल्याणप्रद होते हैं, परन्तु शनि प्रदोष व्रत सन्तान प्राप्ति के लिए, भौम प्रदोष ऋणमोचन के लिए, मनः शान्ति एवं सुरक्षा के लिए सोम प्रदोष व्रत तथा आरोग्य प्राप्ति एवं आयु वृद्धि के लिए अर्क (रवि) प्रदोष व्रत विशेष अधिक फलदायी होता है।

व्रती को चाहिए कि प्रदोष व्रत वाले दिन सूर्यास्त के समय पुनः स्नान करके शिव पूजन एवं कथा करें और उसके बाद निम्नलिखित मंत्र से बाबा भोलनाथ से प्राथना करे।

“भवाय भवनाशाय, महादेवाय धीमते ।
रूद्राय नीलकण्ठाय शर्वाय शशि मौलिने उग्रयोग्राघनाशाय भीमाय भय हारिणे ईशानाय नमस्तुभ्यं पशूनां पतये नमः॥”

प्राथना के बाद व्रत का पारण करें।